पुराने के ऊपर नया रखकर बेच रहे थे धान, 13 लाख रुपए का मिश्रित धान पकड़ा गया
कवर्धा। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ओर जहां धान खरीदी की तारीख 20 फरवरी तक बढ़ाकर राहत दी है, वहीं अंतिम तिथि नजदीक आने का फायदा कुछ किसान धोखाधड़ी कर उठाने में जुटे हुए हैं। निरीक्षण के लिए बनाई गई जिला स्तरीय टीम ने सोमवार को रणवीरपुर खरीदी केंद्र से 1201 बोरा अमानक (मिश्रित) धान जब्त किया है। इन बोरों में ऊपर तो नया धान था, लेकिन उसके नीचे पुराने धान की खपत की जा रही थी। इसकी कीमत करीब 13 लाख रुपए है।
खरीदी केंद्रों में अमानक धान को बिक्री रोकने के लिए बनाई गई जिला स्तरीय संयुक्त टीम ने सोमपवार को रणवीरपुर धान खरीदी केंद्र में अकास्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पांच किसानों का 1201 बोरा धान बिना अनुमति के डंप मिला। इस पर टीम ने धान की जांच की तो पता चला कि सभी बोरों में नए के साथ पुराना धान भी मिलाया गया था। नियमानुसार, यह धान बेचने योग्य नहीं है। इस पर टीम ने धान जब्त कर 20 फरवरी तक समिति प्रंबधक के सुपर्द में कर दिया है। अब इसे कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दो व्यापारियों से भी पकड़ा गया 132 बोरा धान
वहीं खाद्य और राजस्व विभाग की टीम ने दो बड़े गल्ला व्यापारियों पर भी छापा मारा। टीम ने सहसपुर लोहारा के सूरज ट्रेडर्स के यहां से 62 बोरा और धमकी के गल्ला व्यापारी जितेंद्र ठाकुर से 70 बोरा धान जब्त किया गया। इस धान को बिना वैध दस्तावेज के भंडारण किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि यह लोग किसानों से धान खरीद कर डंप कर रहे थे, लेकिन इनके पास मंडी लाइसेंस नहीं मिला। अब इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।
अमानक धान खरीदी पर नोडल अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी धान खरीदी केंद्रों में निर्धारित समय पर अमानक धान की खरीदी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने धान खरीदी की समय सीमा 20 फरवरी तक बढाई है। धान खरीदी केंद्रों में सिर्फ वास्तविक किसानों से धान की खरीदी की जाए। बेचने स वंचित छोटे और मंझोले किसानों को प्राथमिकता में टोकन जारी कर उनसे सुचारू रूप से धान की खरीदी कराए। कलेक्टर शरण ने कहा है कि जिन भी केंद्रों पर अमानक धान मिलेगा, संबंधित नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।